राजनीति

चुनावी खर्च आया नहीं , रौनक कैसे आएगी? लोकसभा चुनाव में प्रचार सामग्री का भी इंतजार

उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव में मतदान के लिए अब सिर्फ 14 दिन बाकी हैं, लेकिन भाजपा और कांग्रेस जैसे बड़े राजनैतिक दलों के कई चुनाव कार्यालयों से रौनक गायब है। पार्टियों या प्रत्याशियों की ओर से कुछ दफ्तरों में अभी तक चुनाव खर्च नहीं आना इसकी मुख्य वजह बताया जा रहा है।

हालत यह है कि कुछ दफ्तरों में प्रचार सामग्री तक नहीं है। इन दफ्तरों के जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ता सवाल कर रहे हैं- चुनाव दफ्तर का खर्च नहीं आया, रौनक कैसे आएगी? माना जा रहा है कि इन चुनाव कार्यालयों को खर्च मिलने के साथ ही इनकी रंगत बदल जाएगी।

इस बार चुनाव प्रचार पहले के मुकाबले फीका नजर आ रहा है। सियासी दलों के तमाम दफ्तरों का हाल भी बेहतर नहीं है। ऋषिकेश में भाजपा ने 16 मार्च को पहले मुखर्जी मार्ग पर मुख्य चुनावी दफ्तर खोला, जिसे बाद में 31 मार्च को हरिद्वार मार्ग पर शिफ्ट कर दिया।

सूत्रों की मानें तो दफ्तर में होने वाले रोजाना का खर्च अभी तक नहीं मिल पाया है। इसी तरह कांग्रेस ने भी 29 मार्च को रेलवे मार्ग पर दफ्तर को खोल दिया, जिसका शुभारंभ पूर्व सीएम हरीश रावत एवं हरिद्वार लोकसभा सीट से प्रत्याशी वीरेंद्र रावत ने किया।

एक सप्ताह बीतने को है, लेकिन दफ्तर में जलपान की व्यवस्था अभी नहीं हो पाई है। हालांकि, भाजपा के ऋषिकेश विधानसभा प्रभारी करण बोहरा ने दावा किया है कि जलपान आदि के खर्चे की व्यवस्था कर दी गई है।

कांग्रेस के चुनाव दफ्तर प्रभारी राकेश सिंह का कहना है कि जलपान समेत भोजन की व्यवस्था जल्द हो जायेगी। यूकेडी प्रत्याशी मोहन सिंह का कहना है कि जनता ही उन्हें चुनाव लड़वा रही है। खर्च स्वयं कार्यकर्ता ही उठा रहे हैं।

भाजपा ने दून के राजपुर रोड विधानसभा क्षेत्र का चुनाव कार्यालय सुभाष रोड पर बनाया है। कार्यालय में मौजूद एक कार्यकर्ता ने बताया कि प्रत्याशी व पार्टी की ओर से चुनाव खर्च नहीं भेजा गया है। यहां तक कि शक्ति केन्द्रों पर होने वाली बैठकों के खर्चे का जिम्मा भी पार्टी से जुड़े निवर्तमान पार्षदों को करने को कहा जा रहा है।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने देहरादून में विधानसभा वार चुनाव कार्यालय नहीं खोले हैं। महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. जसविंदर सिंह गोगी के मुताबिक आर्थिक संसाधनों के अभाव में कम से कम खर्च में पार्टी कार्यकर्ता चुनाव प्रचार कर रहे हैं। केंद्रीय स्तर पर पार्टी के खाते फ्रीज होने की वजह से भी दिक्कत रही है।

रुड़की स्थित भाजपा, कांग्रेस और बसपा के किसी भी कार्यालय में चुनाव सामग्री नहीं पहुंची है। भाजपा पदाधिकारियों ने बताया कि कार्यकर्ता अपने खर्चे से प्रचार कर रहे हैं। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष एडवोकेट राजेंद्र चौधरी ने कहा की चुनाव सामग्री नहीं आई है। बसपा के जिलाध्य्क्ष अनिल चौधरी ने भी बताया कि चुनाव सामग्री की डिमांड की गई है। जल्द आने की उम्मीद है।

हरिद्वार में दोनों दलों के दफ्तरों में चहल-पहल
भाजपा ने हरिद्वार में जिला कार्यालय को ही चुनाव कार्यालय बनाया है। कार्यालय में भारी चहल पहल है और प्रचार सामग्री भी पर्याप्त मात्रा में नजर आ रही है। कार्यकर्ताओं के लिए कार्यालय में ही भोजन की भी व्यवस्था है।

कांग्रेस ने हरिद्वार के एक निजी होटल में चुनाव कार्यालय खोला है। यहां भी रौनक है और पोस्टर, बैनर पर्याप्त मात्रा में हैं। भोजन की भी व्यवस्था की गई है। हालांकि शिवालिक नगर स्थित बसपा कार्यालय में अभी व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं।

पौड़ी के ग्रामीण क्षेत्रों में रौनक नहीं
पौड़ी में भाजपा, कांग्रेस दोनों ने ही चुनाव कार्यालय खोले हैं। यहां से टोलियां बनाकर विभिन्न क्षेत्रों के लिए प्रचार सामग्री भेजी जा रही हैं। कार्यालय में चुनाव प्रचार सामग्री तो पहुंच गई है, लेकिन यह शहर तक ही सीमित है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक चुनावी रंगत नजर नहीं आ रही है। पिछले चुनावों की तुलना में शहरों में भी प्रचार फीका है।

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